ओस की बूंँदे कहती..... है मेरा कुछ तुझसे ऐसा वास्ता..... ओस की बूंँदे कहती..... है मेरा कुछ तुझसे ऐसा वास्ता.....
जो भीगा उस रोज़ ख़ुमारी आज भी है। जो भीगा उस रोज़ ख़ुमारी आज भी है।
ऐसे जीते हैं ज़िन्दगी यारों । रोज़ अपना हिसाब देखते हैं । ऐसे जीते हैं ज़िन्दगी यारों । रोज़ अपना हिसाब देखते हैं ।
मुहब्बत में मिले दर्द ने हमें ज़िंदा रखा वरना हम तो कब के मर गए होते मुहब्बत में मिले दर्द ने हमें ज़िंदा रखा वरना हम तो कब के मर गए होते
मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो हसीन दिखाता है ख्वाब चेहरा तुम्हारा। मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो हसीन दिखाता है ख्वाब चेहरा तुम्हारा।
बासन्ती वैजंती की खुशबू और फिर सब कुछ। बासन्ती वैजंती की खुशबू और फिर सब कुछ।